नई दिल्ली
संवत 2078 ज्येष्ठ अमावस्या गुरुवार दिनांक 10 जून 2021 को कंकण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। 26 मई को लगे खग्रास चंद्र ग्रहण की तरह ही यह ग्रहण भी भारत में कहीं दिखाई नहीं देगा इसलिए इसके सूतक आदि नियम मानने की आवश्यकता नहीं रहेगी। यह सूर्य ग्रहण 'रिंग ऑफ फायर' या 'रिंग एक्लिप्स' या 'कंकणाकृति सूर्य ग्रहण' है, क्योंकि ग्रहण के दौरान सूर्य चमकते कंगन की तरह दिखाई देगा। 

कंकणाकृति की स्थिति क्या होती है? 
कंकणाकृति की स्थिति तब बनती है जब सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के बिलकुल अवस्था में होते हैं। इस दिन शनि जयंती और वट सावित्री अमावस्या भी है इसलिए यह दान-पुण्य के लिए विशेष अनुग्रह वाला दिन माना जा रहा है।यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होकर सायं 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 59 मिनट रहेगी।

शूल योग नाग करण में लगेगा ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि, शूल योग नाग करण में लगेगा। इस दौरान चंद्र और सूर्य दोनों वृषभ राशि में रहेंगे। चंद्र मृगशिरा नक्षत्र में और सूर्य कृतिका नक्षत्र में रहेगा। इसलिए वृषभ राशि, वृषभ लग्न, मृगशिरा और कृतिका नक्षत्र में जन्में जातकों को विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता होगी। चूंकिग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसके सूतक आदि नियम मानने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन चूंकियह एक खगोलीय घटना है तो संपूर्ण पृथ्वी पर कहीं कम, कहीं ज्यादा इसका प्रभाव दिखाई देगा।
 
कहां दिखाई देगा 
यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर-पूर्वी भूभाग, यूरोप, एशिया, आर्कटिक, अटलांटिक में आंशिक रूप से दिखाई देगा। उत्तरी कनाड़ा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से देखा जा सकेगा। भारत में यह कहीं भी दिखाई नहीं देगा, लेकिन अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में अंतिम स्थिति में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। 

शनि जयंती पर विशेष दान-पुण्य 
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण के साथ शनि जयंती भी है इसलिए ग्रहों की पीड़ा और विशेषकर शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए विशेष दान-पुण्य किए जाने चाहिए। इस दिन गरीबों, जरूरतमंदों, दिव्यांगों को भोजन करवाएं या भोजन की सामग्री भेंट करें। वस्त्र, कंबल, छाते, जूते-चप्पल आदि भेंट करें। गायों को चारा खिलाएं, पशु-पक्षियों के अन्न-जल का प्रबंध करें।
 

Source : Agency